सादगी और सुरुचिपूर्ण तरह से सम्पन्न हुए विद्यासागर स्मृति| लिखो यहां वहां
यूं तो अरविंद शर्मा की पहचान एक फोटोग्राफर की ही रही। साहित्यिक सांस्कृतिक| लिखो यहां वहां
लूट और प्रलोभन का रिश्ता इतना गहरा होता है कि यदि उसे देखना चाहें तो किसी एक जरिये से दूसरे तक पहुंचा जा सकता है। लेकिन इस रिश्ते के बनने की प्रक्रिया इतनी जटिल होती है कि प्रलोभनों {ज्ञात व अज...| लिखो यहां वहां
इसमें कोई दो राय नहीं कि बढती हुई तकनीक के साथ मनुष्य की तकलीफें कम हो सकती थी और दुनिया ज्यादा खूबसूरत। लेकिन पाते है कि तकलीफें ही नहीं, उन से पार पाने की जटिलताएं भी बढी हैं। कोई एक दृश्य जो ...| लिखो यहां वहां
मोनिका भण्डारी शिक्षिका हैं और उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में रहती हैं।| लिखो यहां वहां
उत्तर नाट्य संस्थान| लिखो यहां वहां
अकसर सुनते हैं कि फिल्म| लिखो यहां वहां
कुछ वर्ष पहले तक साहित्य में षष्ठीपूर्ति मनाने की सूचनाएंं खूब सुनी जाती थी। लेकिन "युवा रचनाओं" के "आंदोलन" के शुरु होने के बाद से ऐसा कोई आयोजन सुनायी नहीं दिया। | लिखो यहां वहां
मनोरमा नौटियाल | लिखो यहां वहां
शहर कलकत्ता: सलाम कलकत्ता| लिखो यहां वहां
“अ ली क” कोलकाता से| लिखो यहां वहां
वर्ष 2024 की शुरुआत कथाकार विद्या सिंह की कहानी "स्त्री मन के आवर्त" के साथ करते हुए यह सांझा करना अच्छा लग रहा है कि यदि रचनाकारों का समुचित सहयोग मिलता रहा तो इस पूरे वर्ष स्त्री मन के आवर्त को ह...| लिखो यहां वहां
चित्रकार| लिखो यहां वहां
देहरादून के रचनात्मक जगत पर और महिला रचनाकरों पर जब भी बात की जाएगी तो कथाकार कुसुम चतुर्वेदी और शशिप्रभा शास्त्री का जिक्र किये बगैर बात नहीं की जा सकती। यह संयोग ही कहा जा सकता है कि दोनों ...| लिखो यहां वहां
किसी शहर की बनावट को जानने के लिए वहां की गलियां और चौराहों से गुजरना जरूरी है। लेकिन समय की दौड़ में यदि वे गलियां और चौरस्ते गायब हो गए हो तो क्या किया जाये। देहरादून के चौरस्ते तो पिक्चर हॉ...| लिखो यहां वहां
कथाकार नवीन कुमार नैथानी का कहानी संग्रह सौरी की कहानियां वर्ष 2009 में प्रकाशित हुआ था. उसके बाद की कहानियां अभी तक किताब की शक्ल में नहीं आईं, हालांकि ‘हतवाक, होराइजन, धन्यवाद ज्ञापन, लैंड्सल...| लिखो यहां वहां
डा अतुल शर्मा| लिखो यहां वहां
देहरादून के रचनात्मक माहौल पर यदि एक निगाह| लिखो यहां वहां
उपभोक्तावादी मानसिकता ने जीवन की आधारभूत जरूरतों को ही ठिकाने नहीं लगाया, अपितु ज्ञान विज्ञान के प्रति भी सामाजिक उपेक्षा के भाव को स्थापित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. पुस्तकों से दू...| लिखो यहां वहां
19.08.2023 को प्रोफ़ेसर ओ.पी. मालवीय एवं भारती मालवीय स्मृति सम्मान 2023 से सम्मानित कथाकार नवीन कुमार नैैैैैैैथानी द्वारा सम्मान समारोह के अवसर पर दिया गया वक्तव्य | लिखो यहां वहां
हर व्यक्ति अपने| लिखो यहां वहां
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